उपभाेक्ता कौन है -
वस्तुआें या सेवाआें का उपभोग करता हो आैर इन वस्तुआें या सेवाआें का मूल्य चुकाता हो या चुकाने का वादा करता हो या आधा चुकाता हो या आधा चुकाने का वादा करता हो।
आपका पैसा आपकी मेहनत है। जब आप बाजार में कुछ खरीद रहे होते हैं, तो दरअसल आप अपनी मेहनत के बदले खरीद रहे होते हैं। इसलिए आप चाहते हैं कि बाजार में आपको धोखा न मिले। इसके लिए आप पूरी सावधानी बरतते हैं। लेकिन बाजार तो चलता ही मुनाफे पर है। अपना मुनाफा बढ़ाने के चक्कर में दुकानदार, कंपनी, डीलर या सर्विस प्रवाइडर्स आपको धोखा दे सकते हैं। हो सकता है आपको बिल्कुल गलत चीज मिल जाए या फिर उसमें कोई कमी पेशी हो।
वस्तुआें या सेवाआें का उपभोग करता हो आैर इन वस्तुआें या सेवाआें का मूल्य चुकाता हो या चुकाने का वादा करता हो या आधा चुकाता हो या आधा चुकाने का वादा करता हो।
आपका पैसा आपकी मेहनत है। जब आप बाजार में कुछ खरीद रहे होते हैं, तो दरअसल आप अपनी मेहनत के बदले खरीद रहे होते हैं। इसलिए आप चाहते हैं कि बाजार में आपको धोखा न मिले। इसके लिए आप पूरी सावधानी बरतते हैं। लेकिन बाजार तो चलता ही मुनाफे पर है। अपना मुनाफा बढ़ाने के चक्कर में दुकानदार, कंपनी, डीलर या सर्विस प्रवाइडर्स आपको धोखा दे सकते हैं। हो सकता है आपको बिल्कुल गलत चीज मिल जाए या फिर उसमें कोई कमी पेशी हो।
अगर ऐसा होता है और कंपनी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है, तो चुप न बैठें। आपकी मदद के लिए कंस्यूमर फोरम मौजूद हैं। यहां शिकायत करें। शिकायत करने का पूरा तरीका हम आपको बता रहे हैं।
किसके खिलाफ हो शिकायत ?
कंस्यूमर फोरम में दुकानदार , मैन्युफेक्चर्र , डीलर या फिर सर्विस प्रवाइडर के खिलाफ शिकायत की जा सकती है।
कौन कर सकता है शिकायत ?
1- पीडि़त कंस्यूमर
1- पीडि़त कंस्यूमर
2- कोई फर्म , भले ही यह रजिस्टर्ड न हो
3- कोई भी व्यक्ति , भले ही वह खुद पीडि़त न हुआ हो
4- संयुक्त हिंदू परिवार
5- को-ऑपरेटिव सोसाइटी या लोगों को कोई भी समूह
6- राज्य या केंद्र सरकारें
7- कंस्यूमर की मौत हो जाने की स्थिति में उसके कानूनी वारिस
कैसे करें शिकायत ?
शिकायत के साथ आपको ऐसे डॉक्युमेंट्स की कॉपी देनी होगी, जो आपकी शिकायत का समर्थन करें। इनमें .....
शिकायत के साथ आपको ऐसे डॉक्युमेंट्स की कॉपी देनी होगी, जो आपकी शिकायत का समर्थन करें। इनमें .....
1- कैश मेमो, रसीद, अग्रीमेंट्स वैगरह हो सकते हैं।
2- शिकायत की ३ कॉपी जमा करानी होती हैं।
3- इनमें एक कॉपी ऑफिस के लिए और एक विरोधी पार्टी के लिए होती है।
शिकायत व्यक्ति अपने वकील के जरिए भी करवा सकता है और खुद भी दायर कर सकता है।
देखे - प्रार्थना-पत्र का प्रारुप
शिकायत के साथ पोस्टल ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट के जरिए फीस जमा करानी होगी। डिमांड ड्राफ्ट या पोस्टल ऑर्डर प्रेजिडंट, डिस्ट्रिक्ट फोरम या स्टेट फोरम के पक्ष में बनेगा।
हर मामले के लिए फीस अलग-अलग होती है, जिसका ब्यौरा हम नीचे दे रहे हैं -
2- शिकायत की ३ कॉपी जमा करानी होती हैं।
3- इनमें एक कॉपी ऑफिस के लिए और एक विरोधी पार्टी के लिए होती है।
शिकायत व्यक्ति अपने वकील के जरिए भी करवा सकता है और खुद भी दायर कर सकता है।
देखे - प्रार्थना-पत्र का प्रारुप
शिकायत के साथ पोस्टल ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट के जरिए फीस जमा करानी होगी। डिमांड ड्राफ्ट या पोस्टल ऑर्डर प्रेजिडंट, डिस्ट्रिक्ट फोरम या स्टेट फोरम के पक्ष में बनेगा।
हर मामले के लिए फीस अलग-अलग होती है, जिसका ब्यौरा हम नीचे दे रहे हैं -
फीसः
1- एक लाख रुपये तक के मामले के लिए - १०० रुपये
2- एक लाख से ५ लाख रुपये तक के मामले के लिए - २०० रुपये
3- १० लाख रुपये तक के मामले के लिए - ४०० रुपये
4- २० लाख रुपये तक के मामले के लिए - ५०० रुपये
5- ५० लाख रुपये तक के मामले के लिए - २००० रुपये
6- एक करोड़ रुपये तक के मामले के लिए - ४००० रुपये
कहां करें शिकायत ?
1- २० लाख रुपये तक के मामलों की शिकायत डिस्ट्रिक्ट कंस्यूमर फोरम में की जाती है।
2- २० लाख रुपये से ज्यादा और एक करोड़ रुपये से कम के मामलों की शिकायत स्टेट कंस्यूमर फोरम में की जाती है।
3- एक करोड़ रुपये से ज्यादा के मामलों के लिए नैशनल कंस्यूमर फोरम में शिकायत होती है।
हर कंस्यूमर फोरम में एक फाइलिंग काउंटर होता है, जहां सुबह १०.३० बजे से दोपहर १.३० बजे तक शिकायत दाखिल की जा सकती है।
2- २० लाख रुपये से ज्यादा और एक करोड़ रुपये से कम के मामलों की शिकायत स्टेट कंस्यूमर फोरम में की जाती है।
3- एक करोड़ रुपये से ज्यादा के मामलों के लिए नैशनल कंस्यूमर फोरम में शिकायत होती है।
हर कंस्यूमर फोरम में एक फाइलिंग काउंटर होता है, जहां सुबह १०.३० बजे से दोपहर १.३० बजे तक शिकायत दाखिल की जा सकती है।
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