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हिन्दी -
हिन्दी संवैधानिक रुप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जानेवाली भाषा है। भारत और अन्य देशों में लगभग 60 करोड़ से अधिक लोग हिन्दी बोलते , पढ़ते और लिखते है। 
हिन्दी राष्ट्रभाषा , सम्पर्क भाषा , जनभाषा के सोपानों को पार कर विश्वभाषा बनने की और अग्रसर है।
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हजारों वर्षों से चली आ रही परंपराओं के कारण सनातन धर्म " हिन्दू धर्म " में कई ऐसी अंतर विरोधी और विरोधाभाषी विचारधाराओं का समावेश हो गया है, क्योंकी हमारे यहा साधु -संत , पण्डितों ने धर्म की जानकारी देना जाग्ररुकता लाना  उचित ही नहीं समझा।।

धर्म का किसी तरह की विचारधारा से संबंध नहीं, बल्कि सिर्फ और सिर्फ ‘ब्रह्म ज्ञान’ से संबंध है। ब्रह्म ज्ञान अनुसार प्राणीमात्र सत्य है। सत्य का अर्थ ‘यह भी’ और ‘वह भी’ दोनों ही सत्य है। सत् और तत् मिलकर बना है सत्य।

यह स्वाभाविक प्रवृत्ति है कि जो व्यक्ति जिस भी धर्म में जन्मा है, वह उसी धर्म को  महान मानेगा। सत्य को जानने का प्रयास कम ही लोग करते हैं व करवाते है। 

हजारों वर्ष की लंबी परंपरा के कारण हिन्दू धर्म में कई तरह के भ्रम फैलाए गए हैं। इन भ्रमों के चलते सनातन " हिन्दू धर्म " पर कई तरह के सवाल उठते रहे हैं।  
                             
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