आत्माओं के होने या नहीं होने के बारे में सदियों से विवाद जारी है। अधिकतर उनका अस्तित्व मानते हैं और कुछ नहीं मानते। इसी तरह प्राचीन सभ्यताओं के काल से ही आत्माओं को बुला कर उनके माध्यम से अपने जीवन की समस्याओं के हल का प्रचलन रहा है।
अच्छी और बुरी दोनों तरह की आत्माएं होती हैं। अच्छी आत्मा अच्छा करती है तो बुरी आत्माओं से व्यक्ति छुटकारा पाना चाहता है। कुछ लोग भूत-प्रेत से ग्रस्त रहते हैं तो किसी के घर में भूत है जो परिवार के सभी सदस्यों को परेशान करता रहता है। जिन लोगों के पास आध्यात्मिक शक्ति होती है उनके पास भूत-प्रेत फटकते तक नहीं है व उनहे भगा देते है ।
इस विश्वास या अंधविश्वास के चलते बहुत से लोग भूत भगाने का दावा करते हैं तो कुछ लोग भूत बुलाने का। इस प्रचलन के बीच पिछले कुछ वर्षों से आत्मा बुलाने के नए-नए तरीके इजाद हो गए हैं। उन तरीकों का इस्तेमाल करके कुछ लोगों ने तो मुसिबत मोल ले ली है और कुछ के दावे अनुसार उन्होंने अपनी समस्याओं का हल कर लिया है।
आओ जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रचलित तरीके के बारे में -
आत्म को बुलाने की विद्या को प्लेनचिट कहा जाता है। यह आत्माओं को बुलाने का विज्ञान है। प्राचीन काल से ही यह कार्य किया जाता रहा है। कुछ आत्माएं जिन्हें शांति प्राप्त नहीं हुई है, वे प्लेनचिट के माध्यम से आपको भूत, भविष्य एवं वर्तमान तीनों कालों की जानकारी दे सकती हैं। आप उनसे अपनी परेशानी का हल प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि इसमें खतरे बहुत है।
चेतावनी : यह आस्था का मामला है, यह महज मनोरंज नहीं हो सकता है। और हो सकता है कि यह आपके लिए खतरनाक सिद्ध हो। आत्मा को बुलाना आसान है पर भेजना मुश्किल होता है। कई बार बुलाई गई आत्मा वापस नहीं जाती है। वापस नहीं जाने वाली आत्माएं आपके जीवन में होनी और अनहोनी घटनाओं को अंजाम देने लगती है।
हो सकता है कि नहीं लौटने वाली आत्मा कि उपस्थिति से आपका जीवन एक नर्क बन जाए। यह भी कहा जाता है कि ऐसे लोगों का मुकाम दवाखाना, पागलखान या कैदखाना होता है। हो सकता है कि आत्मा को बुलाने के चक्कर में कोई आत्महत्या ही कर ले या उसकी हत्या ही हो जाए।
पाठक कृपया अपने स्वविवेक से काम लें। यह लेख समाज में प्रचलित बातों की सिर्फ जानकारी हेतु है।
पहला तरीका - उइजा बोर्ड :
इस बोर्ड के माध्यम से आत्मा का आह्वान कर उनसे परीक्षा के प्रश्न पत्र की जानकारी ली जा सकती है।उनसे आप अपना भविष्य या किसी गढ़े धन के बारे में पूछ सकते हो। इसके अलावा आप उन्हें अपने जीवन की परेशानी बताकर उसका हल भी जान सकते हैं।
उइजा बोर्ड कैसे बनाएं: एक लकड़ी के बोड पर एक तरफ अंग्रेजी या हिन्दी के अक्क्षर लिख लें और दूसरी तरफ अंक लिख लें। ऊपर हां और ना लिख दें। बीच में एक गोला बनाएं और उस पर एक कटोरी को उल्टा रख लें। फिर कमरे के किसी कोने में अगरबत्ती जला लें। फिर तीन या पांच लोग मिलकर उस कटोरी पर अपनी अंगुली रखकर किसी आत्मा का आह्वान करें। जब आत्मा आ जाती है यह कटोरी अपने आप ही चलने लगती है। जो भी पूछा जाता है कटोरी धीरे-धीरे चलकर अंक या अक्षरों पर पहुंचकर जबाब देती है। जैसे उससे उसका नाम पूछा गया तो वह कटोरी चलकर अंग्रेजी या हिन्दी में लिखे अक्षरों को ढांकती जाएगी। जैसे रवि है तो पहले वह R पर, फिर A पर फिर V पर फिर अंत में I पर जाएगी।
आत्मा को वापस भेजने के लिए उसको बार-बार धन्यवाद देकर कहा जाता है कि अब आप आपस चले जाएं। आपने जो हमारे लिए किया उसके लिए हम कृतज्ञ हैं।
दूसरा तरीका - तीन पैर की टेबल :
एक तीन पैरों वाली टेबल लें और उसके नीचे एक लकड़ी का गुटका रख दें। टेबल टर्निंग विधि भी कहते हैं। फिर अपने दोस्तों की टीम के साथ उसके चारों ओर कुर्सी लगाकर बैठ जाएं। सभी अपनी हथेलियों को टेबल पर रख दें। अब उस व्यक्ति के बारे में सोचे जिसे आप बुलाना चाहते हैं। थोड़ी ही देर में टेबर में कंपन होने लगेगा। यह आत्मा के आगमन की सूचना होगी।
यदि टेबल के नीचे गुटका रखा है तो अपने आप टेबल के पाए खटखटाने लग जाते हैं। इसका मतलब है कि आत्मा का आगमन हो चुका है। इसके बाद उनसे प्रश्न किया जाता है और संकेतिक तौर पर टेबल की खटखट से हर प्रश्न मिलने लगता है।एक तीन पैरों वाली टेबल लें और उसके नीचे एक लकड़ी का गुटका रख दें। टेबल टर्निंग विधि भी कहते हैं। फिर अपने दोस्तों की टीम के साथ उसके चारों ओर कुर्सी लगाकर बैठ जाएं। सभी अपनी हथेलियों को टेबल पर रख दें। अब उस व्यक्ति के बारे में सोचे जिसे आप बुलाना चाहते हैं। थोड़ी ही देर में टेबर में कंपन होने लगेगा। यह आत्मा के आगमन की सूचना होगी।
तीसरा तरीका - प्लेनचिट बोर्ड :
दिल के आकार का दिखने वाला लकड़ी का यह टुकड़ा आत्मा को बुलाने का नया तरीका है। इसमें पीछे की ओर सभी ओर घूमने वाले पहिए लगे होते हैं। इसकी नोक की तरफ एकछेद होता है जिसमें एक पेंसिल लगा दी जाती है।
किसी भी आत्मा का माध्यम ऐसा ही व्यक्ति बन सकता है जिसमें समर्पण भाव और संवेदनशीलता हो। ऐसा व्यक्ति आंख बंदकर कुछ देर तक आत्मा का आह्वान करता है और फिर आत्मा माध्यम के शरीर में प्रवेश करके संवाद करने लगती है। ऐसे में माध्यम की आवाज और उसका व्यवहार बदल जाता है।
चौथा तरीका - खुद बनें माध्यम :
एक तरीका यह है कि प्रयोगकर्ता खुद ही आत्मा का माध्यम बन सकता है। इसके लिए वह पहले एक टेबल लगी कुर्सी पर बैठ जाए। टेबल पर एक कोरी शिट रख ले और फिर वह हाथ में एक पेंसिल हल्के से पकड़कर रखे। इसके बाद वह आत्मा का आह्वान करें।
कुछ देर बाद ही उसके हाथ पर भारीपन लगने लगेगा और पेंसिल हिलने लगेगी। हाथ में रखी पेंसिल खुद ही कागज पर चलनी शुरू हो जाएगी और लिखित या कहे गए प्रश्नों के उत्तर देने लगेगी है।एक तरीका यह है कि प्रयोगकर्ता खुद ही आत्मा का माध्यम बन सकता है। इसके लिए वह पहले एक टेबल लगी कुर्सी पर बैठ जाए। टेबल पर एक कोरी शिट रख ले और फिर वह हाथ में एक पेंसिल हल्के से पकड़कर रखे। इसके बाद वह आत्मा का आह्वान करें।
चेतावनी : यह लेख सिर्फ जानकारी हेतु है, हो सकता है कि यह आपके लिए खतरनाक भी हो। इसे सिर्फ कुतूहलवश नहीं करना चाहिए।
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