देश में 500 व 1000 रुपये के नोट बंद होते ही चाणक्य की नीति याद आ गई -
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इसी के साथ राजनीति पर भी याद आया कि-
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भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर उर्जित पटेल ने दिनांक 4 सितंबर 2016 को केंद्रीय बैंक के प्रमुख का काम शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि उर्जित पटेल को डिप्टी गवर्नर के तौर पर तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर 11 जनवरी 2016 को उन्हें सेवाविस्तार दिया गया था।
आर.बी.आई मुख्यालय में शीर्ष स्तर पर पद-भार का यह ‘हस्तांतरण’ बिना ताम-झाम के हुआ और मीडिया को इससे दूर ही रखा गया। पारंपरिक तौर पर निवर्तमान (out-going) गवर्नर अपने उत्तराधिकारी को समारोह पूर्वक पदभार सौंपते रहे हैं। इसमें संवाददाताओं और मीडिया छायाकारों को भी आमंत्रित किया जाता था।
इसके उलट पटेल ने चार सितंबर जो रविवार के दिन पदभार ग्रहण किया। आर.बी.आई. ने इसे एक दिन बाद एक बयान के जरिए इसकी सार्वजनिक जानकारी दी। कल गणेश चतुर्थी का अवकाश था इस लिए गवर्नर के प्रभार का हस्तांतरण आज हुआ।
मेरी सोच के अनुसार पटेल का शांति से प्रभार ग्रहण करना में बदलाव का संकेत हो सकता है -
जो 8-11-2016 को 500 व 1000 रुपये के नोट बंद करने से हुआ ।।
जो 8-11-2016 को 500 व 1000 रुपये के नोट बंद करने से हुआ ।।
पटेल ने लंदन विश्वविद्यालय से बी.एस.सी. , आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एम-फिल और येल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पी.एच.डी की हुई है।।
आप खुद इस लेख के बिन्दूआें पर विचार करे।।
भ्रष्टाचार खत्म करना हो तो हमारी सरकार क्यों नहीं यह एेलान करती है कि -
- भ्रष्ट लोकसेवक को पकडवाने पर उसकी वैध व अवैध संम्पति दोनो जब्त कर ली जाएगी एंव उस पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाएगा।
- उनके परिवार के सदस्यों की एंव बहुत ही ज्यादा नजदीक मित्रों की जांच की जाए।
- उस भ्रष्टलोक सेवक पर कोई भी विभागीय कायर्वाही नहीं कि जाएगी, सीधा न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।।
- न्यायालय में भ्रष्ट लोकसेवक पर कार्यवाही 6 माह में पूरी करने के लिए दिशा-निर्देश दिये जाए एंव न्यायालय में बचाव के लिए चल रहे " संदेह का लाभ " जैसी परिभाषा को खत्म किया जावे।।
- सूचना देने वाले को जब्त की गई सम्पति का 20 प्रतिशत दिया जाएगा।।
भ्रष्टाचारी लोकसेवक अपने धन को जमीन एंव सोने में खपाते है न की रुपया रखते है।।
बडे नोट बंद होने के बाद कालेधन के बदले सोना बेचने वाले व्यापारीयों के खिलाफ देशद्रोह जैसे मामले क्यों नहीं बनाए जा रहे है।।
देखे कैसे खत्म नहीं होता है भ्रष्टाचार।
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