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20 September 2015

इंडिया बनाम भारत

इंडिया बनाम भारत

*  इंडिया Competition पर चलता है और भारत Cooperation पर।

*  इंडिया की theory है Survival of the Fittest और भारत की theory है Survival of all including the Weakest.

*  इंडिया में ज्ञान डिग्री से मिलता है और भारत में ज्ञान सेवा से मिलता है।

*  इंडिया में Nuclear Family चलती है और भारत में Joint Family.

*  इंडिया में सिद्धांत है “स्व हिताय स्व सुखाय” और भारत में सिद्धांत है “बहुजन हिताय बहुजन सुखाय”।

*  इंडिया/इंडियन मतलब अंग्रेजी संस्कृति को बढ़ावा देना तथा भारत और भारतीय संस्कृति को भूलना।

*  इंडिया/इंडियन मतलब विलासिता और शक्तिशाली लोग हैं जो भारत और भारतीयों पर राज करें।

*  इंडियन सरकार ने भारतीय लोगों से जाति और धर्म क्यों पूछते हैं क्योंकि वे भारत/भारतीय लोगों पर शासन    “फूट डालो और नियम” का पालन करते हैं।

*   इंडियन मतलब साक्षर है और भारतीय मतलब शिक्षाविद् है।

*  इंडियन अपने बच्चों के लिए सेक्स शिक्षा और भारतीय अपने बच्चों के लिए योग शिक्षा मांगते हैं।

भारत नाम हमारे देश में स्वीकार किया जाता है, विभिन्न सरकारी और सामाजिक क्षेत्रों, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्यूँ नहीं ?   निम्न उदाहरण से स्पष्ट है: –

1. हमारा राष्ट्रीय गान:
जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता ( ना की इंडिया भाग्य विधाता)

2. हमारा राष्ट्रीय प्रतिज्ञा: पहली पंक्ति है…!!
“ भारत मेरा देश है ”  ना की इंडिया मेरा देश है

3. सर्वोच्च नागरिक सम्मान, जो हमारे देश में दिया जाता है: 
“भारत रत्न” है  ना की ‘इंडिया रत्न 

4. हम कहते हैं “भारत माता की जय” 
 इंडिया माता की जय नहीं कहते

“Incredible India” का मतलब “अविश्वासी इंडिया” होता है, तभी क्रिकेट के मैदान पर लिखा होता है, जिसे हमारे महान खिलाडी अपने जूते भरे पैरो से रोंदते है और इंडिया की जनता ताली बजाकर खुश होती है और भारत की जनता रोती है ? 
क्या हम अपने माता पिता का नाम किसी खेल के मैदान या सड़क पर लिख सकते है ? 
फिर इस तरह के लोग कैसे कह सकते है की भारत हमारी मां है।

इंग्लिश सीखो, लिखो, बोलो लेकिन सोचो….


“आंसू टपक रहे हैं, भारत के हर बाग से,

शहीदों की रूहें लिपट के रोती हैं, हर खासो आम से,

अपनों ने बुना था हमें, भारत- हिन्दुस्तान के नाम से,


फिर भी यहाँ जिंदा है हम, गैरों के दिए हुए नाम इंडिया से”

कैसे पड़ा भारत का नाम ? 



इस देश का नाम प्रथम तीर्थंकर दार्शनिक राजा भगवान ऋषभदेव के पुत्र भरत के नाम पर भारतवर्ष पड़ा। महाभारत (आदि पर्व-2-96) का कहना है कि इस देश का नाम भारतवर्ष उस भरत के नाम पर पड़ा जो दुष्यन्त और शकुन्तला का पुत्र कुरूवंशी राजा था। पर इसके अतिरिक्त जिस भी पुराण में भारतवर्ष का विवरण है वहां इसे ऋषभ पुत्र भरत के नाम पर ही पड़ा बताया गया है।

 जहाँ “भारत” अपने स्वाभिमान का प्रतीक है वहीँ “India” आज भी अंग्रेजों की गुलामी की निशानी | इसलिए मेरा मानना है कि हमें अपने देश को अपनी संस्कृति से जोड़कर देखना चाहिए क्यूंकि यह महान है |

 यह दुखद है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद यहाँ अनेक प्रांतों और शहरों के नाम तो बदले, किंतु देश का नाम यथावत विकृत बना हुआ है। समय आ गया है कि जिन लोगों ने ‘त्रिवेन्द्रम’ को तिरुअनंतपुरम्, ‘मद्रास’ को तमिलनाडु, ‘बोंबे’ को मुंबई, ‘कैलकटा’ को कोलकाता या ‘बैंगलोर’ को बंगलूरू, ‘उड़ीसा’ को ओडिसा तथा ‘वेस्ट बंगाल’ को पश्चिमबंग आदि पुनर्नामांकित करना जरूरी समझा – उन सब को मिल-जुल कर अब ‘इंडिया’ शब्द को विस्थापित कर भारतवर्ष कर देना चाहिए। क्योंकि यह वह शब्द है जो हमें पददलित करने और दास बनाने वाली संस्था ने हम पर थोपा था।

 क्या सोच रहे है आप ? बचाइए स्वाभिमान का प्रतीक अपने देश का नाम “भारत”


“हमारे देश का नाम हिंदी में भारत , हिन्दुस्तान है, इंग्लिश में भी ‘BHARAT’ HINDUSTAN ही होगा ना की INDIA

वन्दे मातरम्

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