पार्ट - 2
भारतीय सिविल सेवा के एम ओ मथाई जिन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल के निजी सचिव के रूप में भी कार्य किया. मथाई जी ने एक पुस्तक “Reminiscences of the Nehru Age”(ISBN-13: 9780706906219) में लिखा है -
भारतीय सिविल सेवा के एम ओ मथाई जिन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल के निजी सचिव के रूप में भी कार्य किया. मथाई जी ने एक पुस्तक “Reminiscences of the Nehru Age”(ISBN-13: 9780706906219) में लिखा है -
- जवाहर लाल नेहरू और माउंटबेटन एडविना (लुईस माउंटबेटन अंतिम वायसराय की पत्नी) के बीच गहन प्रेम प्रसंग था।
- सरोजिनी नायडू की पुत्री पद्मजा नायडू के साथ भी प्रेम प्रसंग चला , जिसे बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था। इस बात का खुलासा भी हुआ है कि जवाहर लाल नेहरु अपने कमरे में पद्मजा नायडू की तस्वीर रखते थे जिसे इंदिरा गाँधी हटा दिया करती थी।
- बनारस की एक सन्यासिन शारदा के साथ भी लम्बे समय तक प्रेम प्रसंग चला। यह सन्यासिन काफी आकर्षक थी और प्राचीन भारतीय शास्त्रों और पुराणों में निपुण विद्वान थी। उस सन्यासिन ने अपने इस रिश्ते को अवैध से वैध बनाना चाहा और नेहरु के सामने शादी का प्रश्न उठाया। नेहरु ने साफ़ जवाब दे दिया क्यूंकि इससे नेहरु के राजनीतिक जीवन पर असर पड़ सकता था।उनके सम्बन्धों से एक बेटा पैदा हुआ था और वह एक ईसाई मिशनरी बोर्डिंग स्कूल में रखा गया था। ऐसे मामलों में convents बच्चे के अपमान को रोकने के लिए गोपनीयता बनाए रखते हैं! हालांकि मथाई बच्चे के अस्तित्व की पुष्टि की,लेकिन उसे खोज निकालने का कभी कोई प्रयास नहीं किया गया।
- तेजी बच्चन का प्रेम प्रसंग भी जवाहर लाल नेहरु के साथ था। तेजी उन दिनो इंदिरा गाँधी की प्रिय सहेली थी, और वो आनंद भवन मैं बद्मिल्तन खेलने जाती थी, और वंह नेहरु की दृष्टी उनपर पड़ी और वो नेहरु को भा गयी। कुछ सालो बाद जब उन्हें लगा की अब उनकी शादी करा देनी चाहिए तो उन्हों ने अपने एक शिष्य हरिबंस राय बच्चन को बुला कर तेजी के साथ उनकी शादी करा दी। और हरिबंस राय बचन को किसी शोध के लिए विदेश भेज दिया दस साल के लिए। तब तक तेजी नेहरु के साथ ही प्रधानमंत्री आवास मैं रहा करती थी।
इस परिवार कि चालाकियों और षड़यंत्र के बारे में संदेह पैदा करने वाली कुछ घटनाए :
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारत के प्रधानमंत्री के पद के लिए जवाहरलाल नेहरू के प्रतियोगियों में थे और उन दोनों को रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। बीजेपी नेता सुब्रमण्यन का कहना है कि नेताजी सुभाष चंद्र की हत्या रूस में स्टालिन ने कराई थी और इसमें जवाहर लाल नेहरू का हाथ था।
सुभाष बाबू और उनके परिजनों ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी उनपर आई0बी0 से जासूसी करवाना क्या प्रमाणित करता है ? पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज अशोक कुमार गांगुली ने मेल टुडे से बात करते हुए कहा, 'हैरानी की बात यह है कि जिस शख्स ने देश के लिए सब कुछ अर्पित कर दिया, सरकार उसके परिजनों की जासूसी कर रही थी।
- गांधी की हत्या के 10 दिन पूर्व प्रार्थना सभा में बम धमाका हुआ था, इस धटना के बाद सुरक्षा का कोई भी इंतजाम क्यों नहीं किया ?
गांधी जिसने जवाहरलाल को पद दिलवाया स्वार्थ पूरा हो चुका था गांधी की क्या आवशयता रही थी।
- फ़िरोज़ खान नाम के एक युवक का जो उन दिनों मोतीलाल नेहरु की हवेली में शराब आदि की सप्लाई करने वाले एक पंसारी नवाब खान का बेटा था। इंदिरा का फिरोज खान के साथ एक अवैध संबंध चल रहा था। इंदिरा ने अपना धर्म फिर से बदल लिया और मुस्लिम धर्म अपना कर फिरोज से लंदन की एक मस्जिद में शादी कर ली। इंदिरा नेहरु ने नाम बदल कर मैमुना बेगम रख लिया। जवाहर लाल परेशान था क्यूंकि इससे उसके राजनितिक जीवन पर असर पड़ना था। जवाहर लाल ने फ़िरोज़ खान को उसका उपनाम बदल कर गाँधी रखने को कहा । उसे विश्वास दिलवाया कि सिर्फ उपनाम खान की जगह गाँधी इस्तेमाल करो और धर्म बदलने की भी कोई जरुरत नहीं है। फ़िरोज़ खान अब फ़िरोज़ गाँधी बन गया। दोनों ने अपना उपनाम बदल लिया और जब दोनों भारत आये तो भारत की जनता को बेवकूफ बनाने के लिए हिन्दू विधि विधान से शादी कर दी।
- एक परिवार को खुश करने के लिए कशमीर में धारा 370 लगाई। जो आज भी हिन्दुस्तान के लिए गले की फांस बनी हुई है।
- नाथूराम गोडसे ने जब गांधी का वध किया तो गोडसे शब्द पर प्रतिबंध लगा दिया, क्यों गोडसे ने क्या गलत किया था। क्या नाथूराम गोडसे में हिन्दुत्व की भावना व देश प्रेम की भावना गलत थी ?
इस तरह से इंदिरा गाँधी कि आने वाली नसल को एक नया फेंसी नाम गाँधी मिल गया। जो आज तक चल रहा है।
जनता को बेवकुफ बनाने के लिए कहा गया की गांधी ने फिरोज को गोद ले लिया था। तो आज तक गोदनाम कहा है ?
नेहरु और गाँधी ये दोनों नाम ही इस परिवार के खुद के बनाये हुए उपनाम हैं। जैसे एक गिरगिट अपना रंग बदलता है उसी तरह इस वंश ने अपनी गतिविधयों को छुपाने के लिए अपना धर्म व सरनेम आैर नाम बदलें हैं।
जनता को बेवकुफ बनाने के लिए कहा गया की गांधी ने फिरोज को गोद ले लिया था। तो आज तक गोदनाम कहा है ?
नेहरु और गाँधी ये दोनों नाम ही इस परिवार के खुद के बनाये हुए उपनाम हैं। जैसे एक गिरगिट अपना रंग बदलता है उसी तरह इस वंश ने अपनी गतिविधयों को छुपाने के लिए अपना धर्म व सरनेम आैर नाम बदलें हैं।
पार्ट 3
इंदिरा आैर उसके पुत्रों के बारे में
No comments:
Post a Comment
धन्यवाद
Note: Only a member of this blog may post a comment.