मेरा देश भारत है , हिन्दुस्तान है। क्या अर्थ है इण्डिया का..............
ऋषभदेव के पुत्र भरत के नाम से इस भू-भाग का नाम भारत-वर्ष पड़ा।
प्राचीन ऋषियों ने हिन्दुस्तान का नाम दिया। जिसका उल्लेख "वृहस्पती आगम" में है मुगल काल के अंत तक आैर अंग्रजो के भागने तक इस देश को हिन्दुस्तान के नाम से जाना जाता रहा। परन्तु अब हमारे ही देश के चंद अंग्रेज भक्तो ने इसे इंडिया बना दिया बडे खेद की बात है।
भारत के इंडिया शब्द का प्रयोग स्पष्ट करता है की भले ही अंग्रेजो की गुलामी से हम स्वतंत्र हो गए हैं, पर मानसिक दासता से अभी भी मुक्त नहीं हो सके हैं।
किसी भी देश के तीन नाम नहीं है, आैर न देश के नाम बदले गये है।
भारत को ही English में India क्यों कहते हैं?
Oxford Dictionary के पृष्ठ नं० 789 पर लिखा है Indian जिसका मतलब ये बताया है old-fashioned & criminal peoples अर्थात् पिछडे और घिसे-पिटे विचारों वाले अपराधी लोग।
इण्डियन शब्द को अंग्रजो ने इडियट शब्द से बनाया है। इण्डिया का अर्थ हुआ असभ्य और अपराधी लोगों का देश।
ब्रिटीश ने जहा भी हुकुमत की वहा इंडियन शब्द का प्रयोग किया है - उदा. - रेड इंडियन अमेरिका के आदिवासी कबीले को कहा जाता है।
भारत आैर हिन्दुस्तान नाम हमारे देश में स्वीकार किया जाता है, विभिन्न सरकारी और सामाजिक क्षेत्रों, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्यूँ नहीं ?
- जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता (ना की ‘इंडिया )
- सर्वोच्च नागरिक सम्मान, जो हमारे देश में दिया जाता है: “भारत रत्न” है (ना की ‘इंडिया रत्न’)
- हमारे क्रांतीकारीयों ने हिन्दुस्तान आजाद करने का स्वपन देखा था न की इंडिया को आजाद करने का।
- कहा जाता है हिन्दूस्तान जिन्दाबाद न की इंडिया जिन्दाबाद।
- हम कहते हैं “भारत माता की जय” (ना की इंडिया माता की जय)
संविधान बहार के 9 देशो से कापी कर लिखा गया न की खुद के दिमाग से।
दुखद है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद यहाँ अनेक प्रांतों और शहरों के नाम तो बदले, किंतु देश का नाम यथावत विकृत बना हुआ है।
समय आ गया है कि जिन लोगों ने
त्रिवेन्द्रम’ को तिरुअनंतपुरम्,
मद्रास’ को चेन्नई ,
बोंबे’ को मुंबई,
कैलकटा’ को कोलकाता
बैंगलोर’ को बंगलूरू,
उड़ीसा’ को ओडिसा
आदि पुनर्नामांकित करना जरूरी समझा – उन सब को मिल-जुल कर अब ‘इंडिया’ शब्द को विस्थापित कर भारतवर्ष कर देना चाहिए। क्योंकि यह वह शब्द है जो हमें पददलित करने और दास बनाने वाली संस्था ने हम पर थोपा था।
आने वाली आप की पीढीया जब आप से पुछेगी तो आप उन को क्या जवाब देगे।
पढेदुखद है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद यहाँ अनेक प्रांतों और शहरों के नाम तो बदले, किंतु देश का नाम यथावत विकृत बना हुआ है।
समय आ गया है कि जिन लोगों ने
त्रिवेन्द्रम’ को तिरुअनंतपुरम्,
मद्रास’ को चेन्नई ,
बोंबे’ को मुंबई,
कैलकटा’ को कोलकाता
बैंगलोर’ को बंगलूरू,
उड़ीसा’ को ओडिसा
आदि पुनर्नामांकित करना जरूरी समझा – उन सब को मिल-जुल कर अब ‘इंडिया’ शब्द को विस्थापित कर भारतवर्ष कर देना चाहिए। क्योंकि यह वह शब्द है जो हमें पददलित करने और दास बनाने वाली संस्था ने हम पर थोपा था।
आने वाली आप की पीढीया जब आप से पुछेगी तो आप उन को क्या जवाब देगे।
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