मोदी ने बोला है अगर अम्बेडकर न होता तो मै न होता ।
अरे सरकार बनते ही शायद आप भूल गये डा0 राजेन्द्र प्रसाद को जो संविधान सभा के स्थायी सभापति थे, अम्बेडकर सिर्फ प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे।
डा0 राजेन्द्र प्रसाद या अन्य सुभाष चंद्र बोस आैर अन्य क्रांति कारीयों जिन्होने देश को आजाद करने के लिए अपना बलिदान दिया। इनको याद करने की अब क्या आवशयकता है क्योंकि अब आप को दलित वोट बैंक की जो चिन्ता है।
डा0 राजेन्द्र प्रसाद या अन्य सुभाष चंद्र बोस आैर अन्य क्रांति कारीयों जिन्होने देश को आजाद करने के लिए अपना बलिदान दिया। इनको याद करने की अब क्या आवशयकता है क्योंकि अब आप को दलित वोट बैंक की जो चिन्ता है।
अपने कहा की जो अपने आप काे जो उच्च मानते है उन्हे भेदभाव मिटाना होगा समानता लानी होगी।
यदि भेदभाव हुआ होता तो अम्बेडकर साहब को संविधान सभा में जगह नहीं मिलती। अम्बेडकर खुद काबिल थे उन्हे तो किसी आरक्षण की आवशयकता नहीं पडी।
मेरा मानना - जिस देश का संविधान अपने आप को धर्म-निरपेक्ष होने का दावा करता है उस देश में जाति आैर धर्म पर आरक्षण होता है - क्या संविधान की आत्मा पर यह आघात आैर संविधान का अपमान नहीं है ?
खुद सोचे।
मेरा मानना - जिस देश का संविधान अपने आप को धर्म-निरपेक्ष होने का दावा करता है उस देश में जाति आैर धर्म पर आरक्षण होता है - क्या संविधान की आत्मा पर यह आघात आैर संविधान का अपमान नहीं है ?
खुद सोचे।
मोदी जी भेदभाव हम नहीं आप कर रहे हो। अपने गिरेबा में तो झाक कर देखो कितने भेदभाव आप कर रहे है, संविधान की आत्मा पर आघात आैर संविधान का हो रहे अपमान को देखे आैर सोचे।
क्यों आपने बीजेपी में पिछड़ा, अतिपिछड़ा आयोग और समूह बना रखे है अगर वाकई में भेदभाव मिटाना और समानता लाना चाहते हो तो पहले उन्हें तो खत्म क्यों नहीं करते है।
हम पूछते है मोदी जी कौन भेदभाव कर रहा है हम या आपकी सरकार कौन समानता का अधिकार छीन रहा है हम या आप या आपकी सरकार।
कहाँ गए वो इतिहास जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया कब लिखे जायेगे या फर्जीयों की महानता का झूठा इतिहास ही पढ़ाया जाएगा।
मोदी जी या अन्य नेताआें के पास मेरे सवालो को जवाब हो तो दे।
माेदी जी आप बोल रहे है की उच्च जाती ने भेदभाव किया ये इतिहास में लिखा हुआ है।
मोदी जी बतलाआें कौनसे इतिहास में लिखा है की उच्च जाती ने भेदभाव किया हम आैर आम जनता देखना चाहती है।
एक वर्ग का शोषण करके दूसरे वर्ग को अनुचित लाभ पहुँचाती है। ऐसे में जातिवाद खत्म होगा या आपसी वैमनस्यता बढ़ेगी?
एक नासमझ भी आसानी से इसका उत्तर दे सकता है। आप तो समझदार है।
मोदी जी देश तब तक एक नहीं होगा जब तक इसके सभी नागरिकों से समान व्यवहार नहीं किया जाएगा।जाति और धर्म आधारित लाभ देना बंद करो और केवल देश की भलाई के लिये ही योजनाए बनाओ।
मोदी जी पहले हमारे धर्म में जो वर्ण व्यवस्था थी, वह काम के आधार पर थी, जरा पुरानी धार्मिक किताबों में देखे कुछ मुर्ख लोगो ने अपने स्वार्थ में आ कर उस व्यवस्था को बदल दिया था।
जो आज देश के नौनिहालों के लिए अभिशाप बन गया आैर आप लोग बना रहे है।
कही एेसा न हो की यह एक गलती क्रांति को ले आये जिसे आप संभाल नहीं पायेगे आैर मानवता शर्मसार हो जायेगी।
इतिहास में आप लोग हमेशा के लिए बदनाम हो जायेगे।
जिस नेहरु खानदान ने यह सब दिया उसके खानदान की असलियत तो सब को पता है नहीं पता तो इस लिंक को दबाये आैर पडे इस खानदान की सच्चाई।
मोदी जी पहले हमारे धर्म में जो वर्ण व्यवस्था थी, वह काम के आधार पर थी, जरा पुरानी धार्मिक किताबों में देखे कुछ मुर्ख लोगो ने अपने स्वार्थ में आ कर उस व्यवस्था को बदल दिया था।
जो आज देश के नौनिहालों के लिए अभिशाप बन गया आैर आप लोग बना रहे है।
कही एेसा न हो की यह एक गलती क्रांति को ले आये जिसे आप संभाल नहीं पायेगे आैर मानवता शर्मसार हो जायेगी।
इतिहास में आप लोग हमेशा के लिए बदनाम हो जायेगे।
जिस नेहरु खानदान ने यह सब दिया उसके खानदान की असलियत तो सब को पता है नहीं पता तो इस लिंक को दबाये आैर पडे इस खानदान की सच्चाई।
आप को बहुत उम्मीदो से देश की जनता ने सत्ता सौपी है।
अच्छे भाग्य से आप राजा बने है राजा के धर्म का निभाये आैर अंनत काल तक याद रखे एेसा कार्य करे।
अपने स्वार्थ को न देखे भलाई इसी में है।
भगवान के पास जब आप जायेगे तो क्या जवाब देगे।
अच्छे भाग्य से आप राजा बने है राजा के धर्म का निभाये आैर अंनत काल तक याद रखे एेसा कार्य करे।
अपने स्वार्थ को न देखे भलाई इसी में है।
भगवान के पास जब आप जायेगे तो क्या जवाब देगे।
इस लिए अपनी मातृभूमि के लिए अपने देश के लिए सही कदम उठाये।
इंसनियत धर्म को याद रखे।
दुआआें का बहुत असर होता है बददुआ न ले जनता की।
इंसनियत धर्म को याद रखे।
दुआआें का बहुत असर होता है बददुआ न ले जनता की।
एक देशभक्त कवि की कविता -
आआे बच्चो तुमे दिखाए , झांकी हिन्दुस्तान की।
योग्यता की कद्र नहीं यहां, चांदी जातिवाद की।
आरक्षण् वाला देश है ये , यहा काबिल बेरोजगार है।
दे कर जाति प्रमाण-पत्र यहा , आयोग्य माला माल है।
देखो यारो देश मेरा , आरक्षण का बोला-बाल है।
आआे बच्चो तुमे दिखाए , झांकी हिन्दुस्तान की।
योग्यता की कद्र नहीं यहां, चांदी जातिवाद की।
आरक्षण् वाला देश है ये , यहा काबिल बेरोजगार है।
दे कर जाति प्रमाण-पत्र यहा , आयोग्य माला माल है।
देखो यारो देश मेरा , आरक्षण का बोला-बाल है।
वन्दे मातरम्
No comments:
Post a Comment
धन्यवाद
Note: Only a member of this blog may post a comment.