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19 June 2015

हमारा देश लोकतंत्र बनाम राजतंत्र आैर आज आपातकाल की आवशयकता

  लोकतंत्र बनाम राजतंत्र
राजतंत्र जिसे हम लोकतान्त्रिंक प्राणी तानाशाही कहते है।
पहले हम नजर डालते है राजतंत्र पर जिसका उदाहरण है दुबई

  1. 100 प्रतिशत रोजगार गांरटी।
  2. सबसे अच्छी कानून व्यवस्था।
  3. करप्शन फ्री देश।
  4. न्यूनतम रिशवत खोरी पकडे जाने पर कठोर से कठोर दण्ड।
  5. न्यूनतम नशाखोरी। 
  6. कानून तक हर किसी की पहुच।

 2007 में दुबई में एक बलात्कार की कोशिश का एक मामला हुआ जिसमें आरोपी पाकिस्तानी को अगले शुक्रवार को सरेआम फांसी पर लटका दिया।

 2205 में बैक डकैती हुई सभी आरोपीयों को मात्र 15 दिन में गोली से सरेआम उडा दिया गया।

  • वहा ज्यातर बडी दुकाने कांच की दीवारो की है लोहे के भारी भरकम शटर नहीं है।  
  • सभी सडके शानदार है कोई भी कमी नहीं।
  • किसी भी पब्लि क आफिस में लाईन नहीं लगती क्योंकि अपाईटमेंट पर्ची लो आैर वहा मौजूद सोफे पर बैढ कर इंतजार करो वह जगह ए.सी होगी।
  • रोड एक्सीडेंट होने पर चंद मिनटों में एम्बुलेंस आैर बाद में पुलिस।
  • आधी रात को पशिचमी देश की आैरते स्कर्ट पहन कर धुमती है लेकिन क्या मजाल कोई छेड दे। टोल फ्री 999 धुमाते ही लोकेशन पर पुलिस तुरंत पहुचती है।

 एेसा क्यों ? 

यह वो देश है जहा लोग अपने देश को अपना समझते है। अगर वहा गलत करते हुए पकडे गये तो खैर नहीं।

एक हमारा कथित लोकतंत्र है जहा सिर्फ खामिया ही खामिया है जो मात्र एक ढकोसला है, जहां हर पांच साल में एक लोलीपोप थमा देते है आैर पांच साल तक हमारा ही खुन चुसते है। अगर यह लागु हो जाये तो इन नेताआे की स्वार्थ की पूर्ति नहीं हो सकती -

यह वे हरामी तत्व है जिन्होने हिन्दुस्तान भारत से इण्डिया बना दिया। जबकी दुनिया हिन्दुस्तान के नाम से जानती है। 
देशभक्ति के गीतो में हिन्दुस्तान ही है, क्रांति कारी देशभक्तों ने भी हिन्दुस्तान कहा है। 
इन कमीनों की सेक्लुरता की वजह से आज हिन्दुस्तान से यह इण्डिया बन गया।

कुछ कडवे सत्य मेरे हिन्दुस्तान के  :
 भारत दुनिया का एकमात्र एेसा देश है जो अपने देश में बैठे गदारों पर कार्यवाही नहीं करता है।

1.  भारत दुनिया का एेसा देश है जिसमें सरहद पर तैनात सिपाही को एक साल अवकाश नहीं मिलता है। लेकिन जेल में बंद संजय दत्त या अन्य पहुच वाले को हर 2 माह पर पैरोल पर छोड देते है।

2.  भारत एेसा देश है जहा करोडो अरबो का घोटाले करने वाले आजाद धुमते है।

3.  भारत एेसा देश है जहां बलात्कारीयों आैर आंतकवादीयों गुण्डे बदमाशों की पैरवी करने के लिए मानवाधिकार हमेशा मौजुद रहता है।   
परन्तु गुण्डे बदमाशों आतकवादीयों के हमले से मरने वालों के लिए कोई मानवाधिकार नहीं है। इसका अर्थ यह हुआ की गुण्डे बदमाशो की जय है।

4.  भारत एेसा देश है जहां पर मोर हिरन शेर के शिकार पर सख्त सजा का प्रवाधान है। लेकिन गौमाता जिसे हर हिन्दु अपनी मां मानता है की हत्या पर सब्सिडी दी जाती है।

5.  भारत देश एेसा है जहां पर सेकुलर नेता आंतकवादीयों को सम्मान आैर देशभक्तों को खुले आम गालिया देते है।

6.  भारत देश एेसा है जहां पर बाहरी धुसपैठीयें का धर बैठे राशन कार्ड वोटर आई.डी व अन्य प्रमाण बन जाते है। अपने देश के आम नागरीक की चप्पल जुते धीस जाते है।

7.  भारत देश एेसा है जहां पर पांचवी आठवी पास स्कुल या अन्य आफिस का चपरासी नहीं बन पाता लेकिन नेता बन सकता है।

8.  भारत देश एेसा है जहां पर क्रांति कारी देशभक्त भगतसिंह व अन्य को आंतकवादी आैर भारत पर हमला करने वाले अकबर आैर सिकंदर को महान बतला कर पढाया जाता है।

9.  हिन्दुआें की रक्षा के लिए नाथूराम गोडसे ने बलिदान दिया उसकी सच्चाई को कभी भी आम जनता के सामने नहीं आने दी।
सुभाषचंद्र बोस की मौत की सच्चाई कभी जनता के सामने नहीं आने दी। 

10. भारत देश एेसा है जहां पर 80-90 प्रतिशत लाने वाले बेरोजगार धुमते है आैर 40 प्रतिशत से भी कम लाने वाले आरक्षण् से स्कुल टीचर, डाक्टर , इंजनीयर , जज बन जो है।

11. भारत देश एेसा है जहां पर गुलामी का प्रतीक जन-गण-मन गीत को राष्टीय गीत बनाया गया है। आैर वन्दे मातरम् को कुछ हरमाजादे सेक्युलरों के कारण  पुरी जगह नहीं मिली। वन्दे मातरम् के नाम लेते हुए खुन में उफान भर जाता था जिसे कहते हुए आजादी के दीवाने खुशी-खुशी फांसी के फंदे पर झूल गये थें।

आज देश को अच्छे बनने के लिए उबरना है तो देश में आपातकाल लगानी होगी। आपातकाल में कानून कठोर हो जाते है आैर जो नेता देश की भलाई के लिए कुछ नहीं करते सिर्फ बकवास कर टाईम पास करते है, मीडिया जो बेलगाम हो कर बकवास करती है,  उनपर सख्ती हो जायेगी व देश अच्छे ढग से चलने लगेगा। आपातकाल लगा कर ही देश में रह रहे भ्रष्ट नेताआें को आंतरिक सुरक्षा क़ानून (मीसा) के तहत बगैर सुनवाई के गिरफ़्तार किया जा सकता है। 
जो देश हित में है। 

आज के माननीय राष्टपति जी भी इसके पक्ष में रहे है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी देश के लिए भला करना चहाते है परन्तु देश की विडम्बना है की भ्रष्ट नेता कुछ करने नहीं दे रहे है। सिर्फ बकवास कर देश की जनता का फायदा न कर अपना फायदा कर रहे है। उनको सबक सिखाने के लिए आपातकाल आवशयक है।

26जून1975  से  21मार्च1977 तक 21 माह की अवधि तक भारत में आपातकाल घोषित रहा। अगर आप को याद होगा तो सरकारी मशीनरी एंव भ्रष्ट अफसरों को बहार का रास्ता दिखा दिया था,  ब्लैक मार्केट करने वालो की ही शामत आई थी, सारी रेलगाडीया अपने समय पर चलती  एंव अपने स्थान पर सही समय पर पहुचती थी, हर सरकारी आफिस में कर्मचारी व अफसर समय से 10 मिनट पहले पहुच जाते थे एंव जनता की कोई भी शिकायत को नजर अंदाज नहीं करते थे।
 देश के नागरीको को राहत मिल गई थी।
मेरा मानना है की आज सख्त कानून की आवशयकता है। जो बगैर आपातकाल के संभव नहीं है।

वन्दे मातरम्

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