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12 June 2017

एडोल्फ हिटलर कौन थे, क्या वास्तव में हिटलर हत्यारा था ?

सवाल उठता है कि  -

  • बचपन से हम आैर आप हिटलर को खुनी और हत्यारा मान रहे है क्यों ?   क्यों की हमने आैर आपने किताबो में पढ़ा है। हमने जो इतिहास पढ़ा उसके लिखने वाले सब अंग्रेज ही थे, सो जो भी पढ़ाया वो हमने पढा उसे ही सच मान लिया। 
  • हिटलर ने किस की हत्याएं की थी ? आपको बतला दे कि हिटलर ने सिर्फ यहूदियों को मारा था, यहूदी उस समय अत्याचारी और हत्यारे थे।  परन्तु हिटलर ने जितनी भी हत्या की उससे 40 गुणा हत्या  ब्रिटिश सेना अफ्रिका महाद्वीप में कर चुकी थी।  50 गुणा हत्या अमेरिका वाले खुद अपने देश की रेड-इन्डियनस की कर चुके हैं जो अमेरिका के मूल निवासी थे। ब्रिटेन और अमेरिका जो भी गलत काम करते थे, यहूदियों की आड़ में करते थे और हिटलर ने अपने देश को बचाने के लिए ना सिर्फ मारा बल्कि जिस किसी देश में यहूदी थे वहाँ भी जाकर मारा।

मेरा मत है कि हिटलर ने हत्याए नहीं वध किया था। वध का मतलब  -   वध दुष्ट व्यक्तियों-प्राणियों का होता है। जैसे की रावण, कंस इत्यादी। 

  • क्या आपको पता है कि यहूदी ही ईसाईयों और मुसलमानों के जन्म- दाता हैं।   आज यदि जर्मनी दुनिया में एक महाशक्ति है तो हिटलर के द्वारा यहूदियों की सफाई के कारण, नहीं तो जर्मनी भी सीरिया और नाइजीरिया की तरह भूखा-नंगा सड रहा होता।
मानवता के शत्रु कहे जाने वाले हिटलर में यिद अवगुण था तो साथ ही उसकी राष्टवादी मनोवृति को भी हमे नहं भूलना चाहिए। इसी राष्टवादी धारा के प्रवाह में किस प्रकार उनकी आकांक्षा- महत्वाकांक्षा में परिवर्तित हुई इसके तथ्य माइन काम्फ हिटलर की आत्मकथा "मेंरा संघर्ष" पढने के बाद आप भी स्वयं आंकलन कर सकते है।

जब हिन्दुस्तानी क्रान्ति कारियों को कुचला जा रहा था तब गुरुड धव्जा स्वास्तिक लेकर 15 लाख अंग्रेजो का वध करने वाले सिर्फ हिटलर ही थे।द्वितीय विश्व युद्ध में सुभाष चन्द्र बॉस ने हिटलर के साथ मिलकर यदि ब्रिटेन की नीव को न हिलाई होती तो ब्रिटेन आज भी 71 देशो पर शासन कर रहा होता।

इनका मै सम्मान करता हूं।

पढने वालो से सवाल -

  1. विश्वयुद्ध में अंग्रेजों को हराने के लिए "सुभाष चन्द्र बोस" और उनकी "आजाद हिन्द फ़ौज" द्वारा हिटलर का साथ देने को आप सही मानते हैं या फिर गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी द्वारा अंग्रेजों का साथ देने को ?

गाँधी के कहने पर अंग्रेजो की ओर से लड़ने वाले और आजाद हिद फ़ौज के स्वाधीनता सेनानियों को मारने वाले सैनिक गद्दार माने जाते हैं। क्यों ?   जबकी ज्ञात है कि गांधी का आन्दोलन तो 1942 में ही असफल साबित हो गया था।

आज हमारा देश आजाद है तो इसमें बहुत बड़ा हाथ "हिटलर" का भी है। हिटलर विश्वयुद्ध भले ही हार गया था मगर उसने अंग्रेजों की कमर तोड़कर रख दी थी। 
इतिहास गवाह है कि विश्वयुद्ध में इंग्लैण्ड की बर्बादी और आजाद हिन्द फ़ौज की बहादुरी ने अंग्रेजों को भागने पर मजबूर किया था।

उस समय हमारा दुर्भाग्य ये रहा कि - हमे कहा गया के आज़ादी मिल गई लेकिन सम्पूर्ण आज़ादी नहीं मिली अंग्रेंज तो यहाँ से चले गये मगर उनके द्वारा भारतीयों को लूटने के लिये बनाई व्यवस्था आज भी वैसे की वैसे ही चल रही है।

अडोल्फ हिटलर को विश्व मानवता का शत्रु समझने वाले लोगों के लिए ‘माइन काम्फ’ हिटलर की आत्मकथा ‘मेरा संघर्ष’ एक ऐसी ख्याति प्राप्त ऐतिहासिक ग्रन्थ है, जिसके अध्ययन से न केवल जर्मनी की पीड़ा, बल्कि हिटलर की पीड़ित मानसिकता में उसकी राष्ट्रवादी मनोवृत्ती का भी अनुभव होगा। साथ ही राजनीतिज्ञों के चरित्र, राजनीति के स्वरूप, भाग्य-प्रकृति, शिक्षा सदनों का महत्त्व, मानवीय मूल्यों तथा राष्ट्रवादी भावना की महानता के आधार की भी प्रेरणा मिलेगी। 

सर्वविदित है कि कोई भी इंसान बुरा नहीं होता, बुराई इंसान की सोच के आधार पर ही विकसित होती है। विश्व मानवता के शत्रु कहे जाने वाले हिटलर में यदि अवगुण थे, तो ध्यान रहे, यह उसकी विश्व-विजेता बनने की महत्त्वाकांक्षा थी। साथ ही उसकी राष्ट्रवादी मनोवृत्ति को भी हमें नहीं भूलना चाहिए। इसी राष्ट्रवादी धारा के प्रवाह में किस प्रकार उसकी आकांक्षा-महत्त्वकांक्षा में परिवर्तित हुई, जिसके पठ्न-पाठ्न से आप स्वयं ही आंकलन कर सकते हैं।

 क्या आज केवल दिखावटी नारे बोल के देश को विश्व शक्ति बनायेंगें ................ ??

मारी जमीन चीन ने छिन ली क्या कर लिया। एक अदना सा पाकिस्तान जिसने जीना हराम कर रखा है क्या कर लिया।  हमारे नेता सिर्फ आैर सिर्फ बाते ही करते रहते है। देश को बेवकुफ बना रखा है दिखावटी नारे बोल कर। यह कब जागेगे पता नहीं।।

क्या निरंतर प्रचार के जरिए, लोगों को स्वर्ग भी नर्क की तरह दिखाया जा सकता है या एक बिल्कुल मनहूस जीवन को स्वर्ग की तरह दिखाया जा सकता है ??

आप सोचे की क्या आज यही हो रहा है या नहीं ?
आप ही सोचे क्या हिटलर सही थे या गलत ? 
सही थे तो दुष्प्रचार क्यों किया गया ?




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