टूटी झरना मंदिर- रामगढ़(झारखंड) -
झारखंड के रामगढ़ में एक मंदिर ऐसा भी है
जहां शिव लिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं माँ गंगा करती हैं। मंदिर की खासियत यह है कि यहाँ जलाभिषेक साल के बारहो मास चौबीसो घण्टे होता है और इसे कोई और नहीं स्वयं गंगा जी द्वारा किया जाता है। यह जलाभिषेक सदियों से हो रहा है। इस जलाभिषेक का विवरण पुराणों में भी मिलता है।
भक्त मानते हैं कि यहां सच्चे दिल से मांगी गयी मुरादे सदैव पूरी होती है।
जहां शिव लिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं माँ गंगा करती हैं। मंदिर की खासियत यह है कि यहाँ जलाभिषेक साल के बारहो मास चौबीसो घण्टे होता है और इसे कोई और नहीं स्वयं गंगा जी द्वारा किया जाता है। यह जलाभिषेक सदियों से हो रहा है। इस जलाभिषेक का विवरण पुराणों में भी मिलता है।
भक्त मानते हैं कि यहां सच्चे दिल से मांगी गयी मुरादे सदैव पूरी होती है।
झारखण्ड के रामगढ जिले में स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर को लोग टूटी झरना के नाम से जानते है।
मंदिर के अन्दर भगवान भोले का शिव लिंग है और उसके ठीक ऊपर माँ गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा है। प्रतिमा के नाभी से आपरूपी जल निकलता रहता है जो उनके दोनों हाथों की हथेली से गुजरते हुए शिव लिंग पर गिरता है।
मंदिर के अन्दर गंगा की प्रतिमा से पानी निकलना अपने आप में एक रहस्य है। यह पानी अपने आप कहा से आ रहा है। ये बात अभी तक रहस्य बनी हुई है।
मंदिर में श्रद्धालूओं का तांता लगा रहता है। लोग दूर दूर से यहां पूजा करने आते हैं। भक्त मानते हैं कि यहां सच्चे दिल से मांगी गयी मुरादे सदैव पूरी होती है। श्रद्धालुओ का कहना हैं टूटी झरना मंदिर में जो कोई भक्त भगवान के इस अदभुत रूप के दर्शन कर लेता है उसकी मुराद पूरी हो जाती है।भक्त शिवलिंग पर गिरने वाले जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं और इसे अपने घर ले जाकर रख लेते हैं. कहते हैं इस जल में इतनी शक्तियां समाहित हैं कि इसे ग्रहण करने के साथ ही मन शांत हो जाता है. दुखों से लड़ने की ताकत मिल जाती है।
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