जब सुना की सोनिया गांधी का राष्ट्रपति को असहिष्णुता पर ज्ञापन दे रही है तो बडा आशचर्य हुआ -
सोनिया देश में असहिष्णुता को लेकर ज्ञापन देने के लिए राष्ट्रपति भवन में अपने चम्मचों के साथ मार्च करते हुए पहुंची थी !
सोनिया देश में असहिष्णुता को लेकर ज्ञापन देने के लिए राष्ट्रपति भवन में अपने चम्मचों के साथ मार्च करते हुए पहुंची थी !
सोनिया और कांग्रेस असहिष्णुता दिखला कर देश की जनता को मुर्ख समझ गुमराह करने का प्रयास कर रही है - क्या सोनिया को यह पता नहीं की - राजीव गांधी के कार्यकाल में देश में १०५ दंगे हुए थे, यह होती है असहिष्णुता !
कितना अच्छा होता यदि तुम (सोनिया और उसके चम्मचे) बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्रनारायण सिन्हा की पुस्तक- ‘मेरी यादें - मेरी भूलें’ पढ़ लेती, यह पुस्तक तुम्हारे ही कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखी है, और आपके पति राजीव गांधी की उस असहिष्णुता की पूरी कहानी लिखी है!
वैसे राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी खुद कांग्रेसी नेता व मंत्री रहे हैं, राजीव गांधी के नजदीक भी रहे हैं, इसलिए वह स्वयं भागलपुर दंगे की उस हकीकत से वाकिफ तो होंगे ही, जिसमें राजीव गांधी की पूरी असहिष्णुता की कहानी छुपी है!
वैसे ’’ यह पुस्तक राष्ट्र्रपति महोदय को भेजने का मानस बना रहा हुं आैर अगर आप भी भेजना चाहे तो बहुत ही अच्छा होगा ’’
२४ अक्टूबर १९८९ में भागलपुर में दंगा भड़का था, जिसमें करीब ९०० मुसलमान और ८२ हिंदू मारे गए थे। जिस गांधी परिवार की मुस्लमान चापलूसी में उनके चप्पल उठा रहे हो, उन्हीं के राज में सबसे अधिक कत्लेआम हुआ है, चाहे वो भागलपुर हो, मेरठ-मलियाना हो, अहमदाबाद हो या आसाम का नेल्ले हो।
लेकिन सोनिया ओर उनके चम्मचों तुम्हें असहिष्णुता आज सरकार बदलते ही नजर आने लगी है!
सोनिया अगर तुम्हे याद नहीं तो मै याद दिलाता हुं की ’’ भागलपुर दंगा के समय कांग्रेसी सत्येन्द्रनारायण सिन्हा बिहार के मुख्यमंत्री थे। उन्होने भागलपुर दंगे का पूरा दोष सोनिया तुम्हारे पति व तुम्हारे पुत्र राहुल के पिता राजीव गांधी को दिया है ’’ उसी जगह के और तुम्हारे ही रहे मुख्यमंत्री की बात को कैसे झूठला सकते है।
सत्येंद्र सिन्हा ने अपनी पुस्तक में लिखा है- ‘’ तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के.एस। द्विवेदी को दंगा रोकने में असफल पाकर मैंने तत्काल उनके स्थानांतरण का आदेश दे दिया था , लेकिन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने मेरे फैसले को पलटते हुए उनके स्थानांतरण को रदद कर दिया था। बाद में मुख्यमंत्री पद से सत्येंद्र सिन्हा को ही हटा दिया गया। यह बात समझ से परे है॥
सोनिया, लगभग मुसलमान तो कम पढे लिखे है सिर्फ मदरसों में कम पढे लिखे मौलवीयो से पढे होते है जहां उन्हे धर्म कि शिक्षा के नाम पर नफरत सिखाई जाती है।
बाद में उन्हें केवल महजब की अफीम चटाइए, वो बेहोश होने के लिए चटपट तैयार रहते हैं! तो सच यह है कि आज भी ९०० मुसलमानों के उस हत्कायांड में केवल १४ लोगों को सजा हुई है। वो सारे मुसलमान आपके पति के प्रधानमंत्री कार्यकाल में मारे गए थे।
उप्र में एक अखलाक मरा है , और आप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाते हुए विधवा विलाप करने पर तुली हैं! विधवा विलाप के समय अपने पति के १९८४-८९ के कार्यकाल को भी याद करते रहा करिए!
आगे, जिस मुस्लिम-यादव समीकरण के बल पर लालु यादव बिहार में शासन करते आए हैं, उन्होंने भी भागलपुर दंगे की फाइल को दबा दिया, क्योंकि सारे आरोपी लालू के समीकरण वाले यादव समुदाय के थे।
दंगा रोकने में असफल रहने वाले जिस तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के.एस द्विवेदी को सत्येंद्रनारायण सिन्हा ने हटाना चाहा था, राजीव गांधी ने उन्हें बनाए तो रखा, उसके बाद सत्ता में आए लालू यादव ने उन्हें पदोन्नति देकर आरक्षी महानिरीक्षक भी बना दिया था।
यह होती है दोगली सहिष्णुता, जसमें एक कौम को मिटा भी दो और उसके सबसे बड़े हमदर्द बनकर उनके वोट भी बटोरो!
और मुसलमान जिन्हे अशिक्षित रखने की कांग्रेस ने मौलवीयों के साथ मिल कर साजिश की थी जिसे बाद में अन्य राजनिति पार्टियों ने भी अपनाया , की बच्चे पैदा करते रहो जिससे की उनके माता-पिता उनको अच्छा पढा-लिखा नहीं पाये, सिर्फ मदरसों में ही धर्म की अधुरी शिक्षा एंव नफरत के बीज ले कर वोट बैंक बने रहे।।
वह सफल हो गई। उन्हें मजहब की अफीम पिलाकर सुला दे,
वह उसके ही नाम पर - नारा-ए-तकरीर : अल्ला-हो-अकबर चिल्लाते रहगे !
यह होती है दोगली सहिष्णुता, जसमें एक कौम को मिटा भी दो और उसके सबसे बड़े हमदर्द बनकर उनके वोट भी बटोरो!
और मुसलमान जिन्हे अशिक्षित रखने की कांग्रेस ने मौलवीयों के साथ मिल कर साजिश की थी जिसे बाद में अन्य राजनिति पार्टियों ने भी अपनाया , की बच्चे पैदा करते रहो जिससे की उनके माता-पिता उनको अच्छा पढा-लिखा नहीं पाये, सिर्फ मदरसों में ही धर्म की अधुरी शिक्षा एंव नफरत के बीज ले कर वोट बैंक बने रहे।।
वह सफल हो गई। उन्हें मजहब की अफीम पिलाकर सुला दे,
वह उसके ही नाम पर - नारा-ए-तकरीर : अल्ला-हो-अकबर चिल्लाते रहगे !
अब प्रश्न यह है -
इस देश में सबसे अधिक दंगे किसी किसी एक प्रधानमंत्री के कार्यकाल में हुआ है
उत्तर -
१. सोनिया के पति राजीव गांधी के ५ साल के कार्यकाल में १०५ दंगे इस देश में हुए !
२. शाहबानो विवाद जबरदस्त हुआ।
३. मंदिर विवाद उन्हीं की देन है, जिसके बाद से समाज सबसे अधिक बंटा!
४. सिखों का खुले आम कत्ल हुआ !
इस लिए इटालियन औरत, अगर असहिष्णुता समाप्त करनी है तो पहले ‘गांधी’ टाइटल वाले खूनी प्रधानमंत्रियों का कलंक धोकर करो !
क्यों देश की जनता को धोखा दे रही है ?
अरे ईश्वर नाम की शक्ति होती है उससे तो डरो उपर जा कर क्या उस ईश्वर को जवाब दोगी !!
अरे ईश्वर नाम की शक्ति होती है उससे तो डरो उपर जा कर क्या उस ईश्वर को जवाब दोगी !!
वन्देमातरम्
...........................................
.........................
No comments:
Post a Comment
धन्यवाद
Note: Only a member of this blog may post a comment.