वन्दे मातरम् का संक्षिप्त इतिहास इस प्रकार है-
- ७ नवम्वर १८७६ बंगाल के कांतल पाडा गांव में बंकिम चन्द्र चटर्जी ने ‘वंदे मातरम’ की रचना की
- १८८२ वंदे मातरम बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय के प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंद मठ’ में सम्मिलित।
- १८९६ रवीन्द्र नाथ टैगोर ने पहली बार ‘वंदे मातरम’ को बंगाली शैली में लय और संगीत के साथ कलकत्ता के कांग्रेस अधिवेशन में गाया।
- मूलरूप से ‘वंदे मातरम’ के प्रारंभिक दो पद संस्कृत में थे, जबकि शेष गीत बांग्ला भाषा में।
- वंदे मातरम् का अंग्रेजी अनुवाद सबसे पहले अरविंद घोष ने किया।
- दिसम्बर १९०५ में कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में गीत को राष्ट्रगीत का दर्जा प्रदान किया गया, बंग भंग आंदोलन में ‘वंदे मातरम्’ राष्ट्रीय नारा बना।
- १९०६ में ‘वंदे मातरम’ देव नागरी लिपि में प्रस्तुत किया गया, कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर ने इसका संशोधित रूप प्रस्तुत किया।
- १४ अगस्त १९४७ की रात्रि में संविधान सभा की पहली बैठक का प्रारंभ ‘वंदे मातरम’ के साथ और समापन ‘जन गण मन..’ के साथ हुआ।
- १९५० ‘वंदे मातरम’ राष्ट्रीय गीत और ‘जन गण मन’ राष्ट्रीय गान बना।
- २००२ बी.बी.सी. के एक सर्वेक्षण के अनुसार ‘वंदे मातरम्’ विश्व का दूसरा सर्वाधिक लोकप्रिय गीत।
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