’’ जहां डाल-डाल पर सोने की चिडिया करती है बसेरा
जहां सत्य , अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा
जहां आसमा से बाते करते मंदिर और शिवाले
जहा किसी नगर में किसी द्वारा पर कोई न ताला डाले
प्रेम की बंसी जहां बजाता हे ये शाम सवेरा
’’ वो भारत देश है मेरा ’’
परन्तु ....... आज कैसे कहु सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्ता हमारा - ’वीराना कर दिया मेरे देश के गदारों ने इस चमन को
कैसे रक्षा करेगा हर नौजवान हमारा इसकी
कैसे कहुं सारे जांह से अच्छा हिन्दुस्ता हमारा॥’’
सारे जहां से अच्छा इंडिया हमारा
हम भेड-बकरी इसके यह गवारिया हमारा
सत्ता की खुमारी में आजादी से सो रहे
हडताल क्यों है इसकी पडताल हो रही
लेकर के कर्ज खाओं यह फर्ज है तुम्हारा
चोरो व धूसखोरों पर नोट है बरसते
ईमान के मुसाफिर राशन को है तरसते
वोटर से झूठे वादे कर वोट लेकर कर गए वो किनारा
जब राष्ट्रीय पूंजी पर वे डालते है डाका
फिर भी कहते इनकम बहुत कम है होता नहीं गुजारा
इस लिए सारे जहा से अच्छा इंण्डिया हमारा॥
जहां वोट बैंक के खातिर अधिकार छीने जाते है -
- जहां योग्यता पर खंजर चले, ’आरक्षण’ की कैची से
- जहां डाल-डाल पात-पात भ्रष्टाचार है।
- जहां हर और फैली हो गंदगी ।
- जहां सरकार द्वारा आम आदमी को कैसे लुटना है तरकीबे बनाई जाती हो।
- जहा न्याय पाने के लिए तरसना पडता है।
- जहा अपने लालच के लिए हरे भरे पेडों को काट जहरीली गैसे लेने के लिए मजुबर किया जाता हो।
- जहां लच्छेदार भाषण दे धोखा करते आमजन से।
- जहां देश पर कुर्बान होने वालो के साथ न्याय न होता हो।
कैसे कहुॅ मेरा भारत महान ?
कैसे कहु सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्ता हमारा ?
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